६ -७ महीने के बच्चे के लिए दैनिक दिनचर्या और आहार चार्ट!! संपूर्ण आहार योजना!! Daily Routine & Diet Chart for 6-7 months.
६-७ महीने के बच्चे के लिए दैनिक दिनचर्या और आहार चार्ट!! संपूर्ण आहार योजना!!
Daily Routine & Diet Chart for 6-7 months.
नमस्कार दोस्तों स्वागत है। आपका ब्रांडिंग फ्रेंड में,और आज के इस आर्टिकल में हम आपसे बात करने वाले हैं ६ से ७ महीने के बच्चे के डेली रूटीन और डाइट चार्ट के बारे में इस वीडियो में आप के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी हो सकती हैं।तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर देखे। पहली बार जो हमें जानना जरूरी है,वह यह है कि कौन सी ऐसे बच्चों को सॉलिड देना शुरू करना चाहिए। आईडियली सॉलि़ड फूड शुरू करने की ऐज ६ से ७ है। ६ महीने के बच्चे का डेली रूटीन क्या होना चाहिए। उसके बाद हम आगे बात करेंगे सॉलिड के बारे में, दोस्तों ज्यादातर ६ महीने के बच्चे सुबह ६:०० बजे से ७:०० के बीच में उठ जाते हैं। और कुछ बच्चे तो उससे भी पहले उठ जाते हैं। जो कि बहुत अच्छी बात है। बच्चे के दिन की शुरुआत आप ब्रेस्ट मिल्क या फॉर मेला मिल्क,जो भी आप अपने बच्चे को देते हैं,अगर आपका बच्चा लेट उठता है। तो उसे जल्दी उठाने के लिए फोर्स मत करें।
आप रात में उसे जल्दी सुलाने की कोशिश करें,इससे वह अपने आप ही सुबह जल्दी उठ जाएगा।सुभह का दूध पिलाने के बाद आप करीबन ८ :३० से ९ :०० के बीच में बच्चे को नाश्ता दीजिए। जब बच्चे को सॉलिड देना शुरू करते हैं। तो उसको बस एक से दो चम्मच खाना खिलाने से शुरुआत कीजिए, क्योंकि होता क्या है कि यह बच्चे के लिए मिल्क टू सॉलिड इसका ट्रांसलेशन हो रहा होता है। तो उसको और उसकी बॉडी को इसे एडाप्ट करने में थोड़ा टाइम लग सकता है।बचे को ब्रेक कराने के बाद तकरीबन ११:३० से १२ :०० के बीच उसे दूध पिलाई दूध भी माँ का या सॉलिड मिल्क दे। क्योंकि १ साल से छोटे बच्चे को गाय का मिल्क नहीं देना चाहिए,ये डॉक्टर कहते है।इस तरह दोपहर का लंच भी हम सेम क्वांटिटी रखेंगे,तो हमने ब्रेकफास्ट में जो रूटीन किया था। उसी तरह करते है। १, २ टेबल स्पून धीरे धीरे-धीरे करके आप कॉन्टिटी बढ़ा सकते हैं, ऐसा भी हो सकता है कि आप जब बच्चे को खाना दे, तो वह जीभ से उसे बाहर की तरफ कुछ करके निकाल दे। इसका मतलब यह नहीं है कि उसे खाना अच्छा नहीं लगा, उसके लिए सॉलिड खाना एक नई बात।
और जब उसे सॉलिड खाना खिलाना स्टार्ट करते हैं, करते हैं तो, उसे कुछ टाइम लगता है, यह सीखने में कि उसे कैसे खाना है। लंच कराने के बाद ५ :०० से ५ :३० के बीच में बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला मिल्क दे,सॉलिड फ़ूड देते वक़्त या शुरुवात करते हैं। तो शुरुआत में आप बच्चे को एक या दो बार ही खाना दीजिए। ५ :०० से ५ :३० के बीच बच्चों को दूध पिलाने के बाद एक बार फिर से ८ :०० से ८ :३० के बीच से दूर दीजिए। जब बच्चा ६ महीने का पूरा हो जाए तब आप तीसरी मिल स्टार्ट कर दीजिए। जो ८ :०० से ८ :३० के बीच का टाइम है। जब हम बच्चे को दूध दे रहे हैं, छठे महीने में उसे आप बदल देंगे दूसरे मेल से । एक १ महीने में आप आप बच्चे को करीबन ९ :०० बजे तक सुला दीजिए, ताकि बच्चा अगले दिन सुबह जल्दी उठ के , हम उनको खाने में क्या-क्या दे सकते हैं ।शुरुआत करते हैं आप बच्चे को क्या ,क्या दे सकते हैं। और खिलाने की शुरुआत करने के लिए आप फलो की पूरी सब्जी के पूरी और ,ओरिया नाशपाती की फ्यूरी से शुरू करें क्योंकि यह दोनों ही बहुत आसानी से पचाये जाते हैं।फलो के पूरी में आप एप्पल के पूरी सब्जी की प्यूरी में आप दे सकते हैं। ६ महीने के बच्चे को सब्जियों में कद्दू ,आलू ,गाजर शकरकञ्ज इत्यदि की पूरी दे सकते है। लौकी की पूरी चुकंदर पालक की पूरी देना भी शुरू कर सकते हैं।फलो की पूरी में जैसे केले,आम,आदि और पपीते की पूरी बचो को ७ महीने का होने पर देना चाहिए।
दिन में दो बार करके सॉलिड मेल दिया करे, ताकि बच्चे को मिल्क फुआरी मिलकर सॉलिड पर आने में ज्यादा अंतर ना लगे। और वह आसानी से खाना खा सके बच्चे को खाना देने से पहले अच्छे से चेक कर लीजिए कि फलो और बर्तन आछे से साफ किया है क्या।और मिल्क या फुअरी देने के बाद उसमे कोई घुट के रह गएहै क्या चेक करे। दोस्तों एक बहुत जरूरी बात जब बच्चे को आप मेल देना शुरू करते हैं तो कोशिश करिए,उसको दिन के टाइम में सॉलिड देना शुरू करिए, क्योंकि अगर मेल से बच्चे को खाने से कोई तकलीफ होती है ,तो आपको पूरा दिन का टाइम मिलता है के आप बचे को डॉक्टर के पास ले जा सके। उसे ठीक करने के लिए या डॉक्टर से कंसल्ट करने के भी आप बच्चे के लिए खाना बनाने जाते हैं। तो आप अपने हाथों को और जो भी फ्रूट वेजिटेबल आपको बनाना है उसे अच्छे से धो लें हमेशा, यह कोशिश करें कि बच्चे को ताजा खाना ही दे और खाना सर्व करने से पहले बच्चे के बर्तनों को अच्छे से पैरालाइज कर ले।
अब बात आती है। ६ महीने के बच्चे को हम अनाज में क्या-क्या दे सकते है।जब हम बच्चे को चावल का पानी दे सकते हैं। मूंग की दाल का पानी दे सकते हैं राघी दे सकते हैं। राघी बच्चों की सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है।फरलाक दे सक ते है। फिर ७ महीने के बाद सूजी की खीर और लास्ट खिचड़ी देना भी शुरू कर सकते हैं।आइये बात करते हैं। कि ६ महीने के बच्चे को दूध कितना देना चाहिए दोस्तों ६ महीने के बच्चे को मां का दूध पीते हैं। उनके लिए कोई भी नहीं बता सकता है कि कितना दूध पिलाना चाहिए। वह हमें बच्चे की आंख से समझना पड़ता है, कि उसका पेट भरा है, या भरना अभी बाकि है। ६ महीने का हो जाने के बाद जब हम बच्चे को थोड़ा थोड़ा थोड़ा सा भेज देना शुरू करते हैं, तो उसके दूध पीने की क्वांटिटी अपने आप थोड़ी कम हो जाते हैं। तो अगर आपका बेबी भी सॉलिड स्टार्ट करने के बाद दूध पी रहा है, तो चिंता की कोई बात नहीं है ।मां का दूध बच्चे के लिए अच्छा होता है।
अ उसके बाद दूसरे नंबर पर आता है। फॉर्मूला मिल्क अगर बच्चा फार्मूला मिल्क ले रहा है, तो एक बार में १८०ml से १८०ml से या २२०ml होनी चाहिए। घंटे में एक से दो २२०ml से २२०ml तक दे सकते हैं। तो हमेशा याद रखें कि सब बच्चे अलग होते हैं, इसलिए हर बच्चे की दूध पीने की क्वांटिटी अलग होती है। आप बच्चे को कोई नया खाना देते हैं, तो उसे वही खाना दो से 3 दिन तक लगातार दे ,यह चेक करने के लिए उसे उल्टी कोई एलर्जी तो नहीं है। एक बार में एक ही चीज ट्राई करें जब तक बच्चा १ साल का नहीं हो जाता है। हमें उसके खाने में चीनी या नमक नहीं मिलाना चाहिए कॉलटि पे और ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी पर फोकस करें सारे बच्चे अलग होते हैं। इसलिए उनके खाने की रिक्वायरमेंट भी अलग होती है। अगर बचा खाना नहीं खा रहा है, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है, उसे थोड़ा टाइम दीजिए और आप अपनी कोशिश जारी रखें ,उसे धीरे-धीरे आदत पड़ जाएगी को याद रखे के ज्यादातर ऐसा ही होता है ।
आछा मेल दीजिए जिसमें कि आर्यन का कंटेंट ज्यादा हो जैसे, कि राघी ,भीम शकरगंज हमेशा बच्चे को खाना सर्व करने से पहले खुद उसे जरूर चेक करे। अंत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अगर आपको लग रहा है कि बच्चे को खाने के बाद गैस बन रही है, तो आप खाने में एक चुटकी बारी बारीक पिसा हुआ इलायची का पाउडर डाल दें इससे बच्चे का पेट हल्का रहेगा। और उसके पेट में गैस नहीं बनेगी स्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल। हम आगे भी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां लेकर आते रहेंगे तो अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो, तो हमारे आर्टिकल को लाइक कीजिए। इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए ताकि उन्हें भी हमारी जानकारी मिल सके।
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